कहीं आपका जीएसटी बिल फर्जी तो नहीं, Fake GST Invoice से न बनें बेवकूफ, ये चीजें पता होंगी तो झट से पहचान लेंगे
सामान या सेवाओं की सप्लाई या जीएसटी पेमेंट के बिना भी, व्यापारियों और ग्राहकों को धोखा देने के लिए घोटालेबाज एक नकली जीएसटी बिल तैयार करते हैं.
पिछले कुछ वक्त से जीएसटी अधिकारी जीएसटी फर्जीवाड़े पर रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं. जीएसटी काउंसिल के मुताबिक, देश में सबसे ज्यादा जीएसटी फर्जीवाड़ा फर्जी इनवॉयस बिल के जरिए ही होता है. देश में वैट, सर्विस टैक्स वगैरह जैसे कई अप्रत्यक्ष करों (Indirect Tax) को हटाकर टैक्सेशन सिस्टम को आसान बनाने के लिए 2017 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किया गया था. जीएसटी के तहत हर रजिस्टर्ड बिजनेस को एक वैध GSTIN युक्त एक चालान जारी करने की जरूरत होती है, जो इंटीग्रेटेड जीएसटी, स्टेट जीएसटी और स्टेट जीएसटी का ब्रेकअप दिखाएगा. हालांकि, हर दूसरे नए सिस्टम की तरह, कई धोखेबाजों ने जीएसटी सिस्टम का फायदा उठाना शुरू कर दिया है.
नकली जीएसटी बिल है बड़ी समस्या
नकली जीएसटी चालान अधिकारियों के लिए टैक्स चोरी का एक बड़ा मुद्दा बन गया है. विशेष रूप से, नकली जीएसटी चालान के रूप में धोखाधड़ी के ऐसे बड़े पैमाने पर मामले छोटे व्यवसायों और ग्राहकों के लिए एक बड़ी परेशानी हो सकते हैं क्योंकि ये धोखेबाजों को टैक्स के नाम पर कस्टमर्स की ओर से पेमेंट किए गए पैसे को ठगने में मदद करते हैं.
जैसा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा है, सामान या सेवाओं की सप्लाई या जीएसटी पेमेंट के बिना भी, व्यापारियों और ग्राहकों को धोखा देने के लिए घोटालेबाज एक नकली जीएसटी बिल तैयार करते हैं. यह मूल रूप से टैक्स चोरी, इनपुट टैक्स क्रेडिट को कैश में बदलने, फर्जी परचेज बुक करने या मनी लॉन्ड्रिंग जैसे कारणों के लिए किया जाता है.
नकली जीएसटी बिल की पहचान कैसे करें? (How to identify Fake GST Invoice)
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नकली जीएसटी चालान या बिल की पहचान कई तरीकों से की जा सकती है.
GSTIN Verification
1. आप आधिकारिक जीएसटी पोर्टल https://www.gst.gov.in/ पर जाकर जीएसटीआईएन (वस्तु एवं सेवा कर पहचान संख्या) को वेरिफाई करके जीएसटी चालान को वेरिफाई कर सकते हैं .
2. होमपेज पर चालान में दिया गया जीएसटीआईएन नंबर को चेक करने के लिए 'सर्च टैक्सपेयर' को सेलेक्ट करें.
3. अगर जीएसटीआईएन असली है तो आपको इसकी डीटेल वेबसाइट पर मिल जाएंगी.
GSTIN फॉर्मेट
अगर आपको 15 अंकों वाले जीएसटीआईएन नंबर का मतलब पता है तो आप नकली जीएसटी बिल की पहचान कर सकते हैं. जीएसटीआईएन के पहले दो अंक स्टेट कोड को दिखाते हैं, अगले 10 अंक सेलर या सप्लायर का पैन नंबर होते हैं. 13वां अंक उसी पैन धारक की इकाई संख्या है, 14वां अंक 'Z' अक्षर है, और 15वां अंक 'चेकसम डिजिट' है.
नकली जीएसटी चालान को रिपोर्ट कैसे करें? (How to report Fake GST Challan)
नकली जीएसटी चालान के मामलों की रिपोर्ट करने के कई तरीके हैं.
1. आप आधिकारिक जीएसटी पोर्टल पर जा सकते हैं और 'सीबीईसी मित्र हेल्पडेस्क' और 'रेज़ वेब टिकट' पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
2. आप cbecmitra.heldesk@icegate.gov.in पर ईमेल भी भेज सकते हैं .
3. जीएसटी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से भी संबंधित प्राधिकारी से संपर्क कर सकते हैं.
03:37 PM IST